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Why Trump want to control Panama Canal ट्रंप क्यों चाहते हैं पनामा नहर पर अपना नियंत्रण ? हम पनामा नहर चीन को नहीं देंगे l हम इसे वापस लेने जा रहे हैं l -डोनाल्ड ट्रंप

Why Trump want to control Panama canal ?

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति उद्घाटन समारोह के अभिभाषण  में कहा कि उनकी योजना पनामा नहर को वापस लेने की है, जो अभी पनामा के द्वारा संचालित  की जाती है l इसका कारण शायद चीन का बढ़ता प्रभाव हो सकता है l पनामा ने डोनाल्ड ट्रंप की इस बात का पुरजोर तरीके से खंडन किया है l यह नहर  प्रशांत महासागर  और अटलांटिक महासागर  को  आपस में जोड़ती  है,जिसका आर्थिक तौर पर बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है l 

Trump want to control Panama canal : डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की है l इसके साथ ही पनामा नहर को वापस लेने की अपनी बात दोहराई है, जिसका कारण यह हो सकता है कि इस क्षेत्र में चीन का प्रभुत्व बढ़ता जा रहा है l 

हम पनामा नहर चीन को नहीं देंगे l- डोनाल्ड ट्रम्प  Why Trump want to control Panama canal ?

पनामा नहर क्या है ? पनामा मध्य अमेरिका में स्थित एक देश है l यह देश उत्तर और दक्षिण अमेरिका को जोड़ने वाले एक संकरे भूभाग (Isthmus) पर स्थित है। यहीं पर पनामा नहर का निर्माण किया गया है l यह  नहर 82 किलोमीटर लंबी, 90 मीटर चौड़ी तथा 12 मीटर गहरी, मानव निर्मित जलमार्ग  है जो प्रशांत  और अटलांटिक महासागर  को आपस में जोड़ती है, जिसे पनामा इस्थमस  (Isthmus) को काटकर बनाया गया है।

ट्रंप क्यों चाहते हैं पनामा नहर पर अपना नियंत्रण:

यह महत्वपूर्ण जलमार्ग समुद्री जहाजों  की कई हजार किलोमीटर और कई हफ्तों की यात्रा को बचाता है l उदाहरण के लिए जो जहाज लॉस एंजिल्स से न्यूयॉर्क को जाते हैं उनके करीब 8000 मील और लगभग  22 दिन का लंबा सफर बच जाता है l अन्यथा, यह सफर तय करने में उन्हें दक्षिण अमेरिका में स्थित स्टेट ऑफ मैगलन (State of Meglan) का चक्कर लगाना पड़े l  इस नहर को सुचारु रूप से संचालित  करने  के लिए कई सारे लॉक्स का प्रयोग  किया गया है जो समुद्री जहाज को करीब-करीब 85 फीट समुद्री सतह से ऊपर उठा देते हैं जो जलपोत  इस रास्ते से गुजरते  है उन्हें  यहां से गुजरने के लिए 53 मिलियन गैलन फ्रेशवाटर की जरूरत पड़ती है l  इसका  संचालन करना बहुत ही खर्चीला काम है, लेकिन यह पनामा के लिए महत्वपूर्ण आय  का स्रोत  है l 

पनामा नहर क्यों रखा गया इस नहर का नाम –इस नहर का नाम पनामा इसलिए पड़ा क्योंकि यह पनामा देश में ही स्थित है l 

पनामा नहर का इतिहास – पनामा इस्थमस  को काटकर पनामा नहर का निर्माण करने की संरचना का विचार सबसे पहले साल  1530 साल में  स्पेनिश कॉलोनाइजर्स के दिमाग में आया l 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इसकी शुरुआत हुई l 1878 में कोलंबिया जो पनामा को नियंत्रित  करता था, ने फ्रेंच इंजीनियर के साथ इस नहर को बनाने के लिए एक समझौता किया l यह फ्रांसीसी  प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पाया और 1899 में इसे बंद कर दिया गया l तकरीबन  2200 मजदूरों की मौत कई तरह के डिजीज और दुर्घटनाओं की वजह से हुई और इनको अपनी जान से हाथ धोना पड़ा l 

1903 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने कोलंबिया के  इस नहर को दोबारा निर्मित करने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया l  संयुक्त राज्य अमेरिका ने Panama’s Declaration of Independence का समर्थन किया l इसके 3 दिन बाद पनामा की नवनियुक्त एम्बेसडर ने  अमेरिका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस नहर को बनाने पर अपनी सहमति व्यक्त की l इस समझौते को पनामा वासियों ने अपनी संप्रभुता के साथ किया गया एक समझौता  समझा l 

संयुक्त राज्य अमेरिका के  इंजीनियरों ने पनामा नहर निर्माण  का कार्य  शुरू किया और 1914 में  निर्माण संपूर्ण हुआ,  तथा 15 अगस्त 1914 को यह जलपोतों के आवागमन के लिए खोल दी गयी l  करीब -करीब 5000 मजदूर इस नहर के निर्माण के दौरान मारे गए l यह नहर बहुत ही जल्द एक स्ट्रैटेजिक मिलट्री एंड ट्रेड एसेट के रूप में विख्यात हुई l दूसरे विश्व युद्ध  के दौरान प्रशांत  और अटलांटिक महासागर के बीच आवागमन के लिए इसका बहुत उपयोग किया गया l 

पनामा नहर का हस्तांतरण – 20वीं शताब्दी के दौरान खासकर Suez Canal Crisis 1956 के बाद पनामा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच में इस नहर को लेकर काफी मतभेद रहे l धीरे-धीरे संयुक्त राज्य अमेरिका का नियंत्रण इस नहर पर  अपवाद बन गया क्योंकि पनामा के लोग इसे अपनी संप्रभुता में हस्तछेप से जोड़कर देखने लगे l  

1977 में अमेरिका और पनामा  के बीच में Torrijos-Carter Treaty साइन की गई l इस समझौते के बाद पनामा को इस नहर  पर पूरा नियंत्रण मिल गया, लेकिन साथ में यह भी कहा गया कि वह इसे एक स्वायत्त क्षेत्र के रूप में रखें और इसकी रक्षा का अधिकार संयुक्त राज्य को दिया गया l 31 दिसंबर 1999 को पनामा नहर पर पनामा का सम्पूर्ण  नियंत्रण स्थापित हो गया l अभी पनामा नहर का संचालन और प्रबंधन Panama Canal Authority के पास  है l 

Why Trump want to contol Panama Canal –

भौगोलिक महत्त्व और वैश्विक कनेक्टिविटी: पनामा नहर अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है, जो वैश्विक व्यापार में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में सहायक है। यह समुद्री यात्रा की दूरी को नाटकीय रूप से कम करता है, जिससे लॉजिस्टिक्स अधिक दक्ष और लागत प्रभावी बनती है। वर्तमान में, नहर से प्रतिदिन लगभग 40 जहाज गुजरते हैं।

  1. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक प्रवाह: यह जलमार्ग प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण संचार माध्यम है, जो विश्व व्यापार की गति को बढ़ाता है। वैश्विक व्यापारिक मार्गों में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे माल की निर्बाध आवाजाही संभव होती है। यह नहर सालाना 14,000 से अधिक जहाजों को पारगमन की सुविधा देती है, जो वैश्विक समुद्री व्यापार के लगभग 5% का प्रतिनिधित्व करता है।
  2. पनामा की आर्थिक समृद्धि में योगदान: यह नहर पनामा के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में महत्वपूर्ण योगदान देती है। टोल शुल्क और व्यापारिक गतिविधियों के माध्यम से यह देश के राजस्व स्रोतों में से एक प्रमुख कारक है, जिससे इसकी आर्थिक स्थिरता और विकास सुनिश्चित होता है। 2021 में, पनामा नहर ने लगभग 2.5 बिलियन डॉलर की राजस्व आय अर्जित की।
  3. लॉजिस्टिक लागत और व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता: पनामा नहर के माध्यम से परिवहन लागत में उल्लेखनीय कमी आती है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अधिक प्रतिस्पर्धी बनता है। कम लागत पर त्वरित परिवहन से आयात और निर्यात प्रक्रियाएं अधिक कुशल हो जाती हैं, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को लाभ मिलता है। यह नहर अमेरिकी पूर्वी तट से एशिया तक माल की शिपिंग लागत को लगभग 30% तक कम करने में सहायक है।
  4. पर्यावरणीय और ऊर्जा-कुशल विकल्प: इस जलमार्ग का उपयोग जहाजों के लिए न केवल समय और लागत बचाने में सहायक है, बल्कि यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को भी कम करता है। वैकल्पिक लंबी समुद्री यात्राओं की तुलना में, पनामा नहर कार्बन पदचिह्न को घटाकर अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल समुद्री व्यापार को बढ़ावा देती है। 2016 के विस्तार के बाद, नए नेओ-पनामैक्स जहाजों ने प्रति ट्रांजिट लगभग 1600 टन CO2 उत्सर्जन में कटौती करने में मदद की है।

क्या ट्रंप पनामा नहर का नियंत्रण वापस पा सकते हैं– अमेरिका यदि इस नहर का नियंत्रण वापस पाना चाहता है तो उसे पनामा देश की सहमति लेनी होगी और अंतरराष्ट्रीय कानूनों और अन्य देशों का समर्थन पाना होगा l राजनितिक और कानूनी दृष्टि से देखें तो अमेरिका के लिए पनामा नहर का नियंत्रण  वापस लेना इतना आसान नहीं है l पनामा अमेरिका द्वारा इस नहर को वापस लेने के फैसले का पुरजोर तरीके से विरोध कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठा रहा है l 

हम पनामा नहर चीन को नहीं देंगे l हम इसे वापस लेने जा रहे हैं l -डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप क्यों चाहते हैं पनामा नहर पर अपना नियंत्रण ?

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति उद्घाटन समारोह के अभिभाषण  में कहा कि उनकी योजना पनामा नहर को वापस लेने की है, जो अभी पनामा के द्वारा संचालित  की जाती है l इसका कारण शायद चीन का बढ़ता प्रभाव हो सकता है l पनामा ने डोनाल्ड ट्रंप की इस बात का पुरजोर तरीके से खंडन किया है l यह नहर  प्रशांत महासागर  और अटलांटिक महासागर  को  आपस में जोड़ती  है,जिसका आर्थिक तौर पर बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है l 

डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की है l इसके साथ ही पनामा नहर को वापस लेने की अपनी बात दोहराई है, जिसका कारण यह हो सकता है कि इस क्षेत्र में चीन का प्रभुत्व बढ़ता जा रहा है l 

हम पनामा नहर चीन को नहीं देंगे l- डोनाल्ड ट्रम्प 

पनामा नहर क्या है ? पनामा मध्य अमेरिका में स्थित एक देश है l यह देश उत्तर और दक्षिण अमेरिका को जोड़ने वाले एक संकरे भूभाग (Isthmus) पर स्थित है। यहीं पर पनामा नहर का निर्माण किया गया है l यह  नहर 82 किलोमीटर लंबी, 90 मीटर चौड़ी तथा 12 मीटर गहरी, मानव निर्मित जलमार्ग  है जो प्रशांत  और अटलांटिक महासागर  को आपस में जोड़ती है, जिसे पनामा इस्थमस  (Isthmus) को काटकर बनाया गया है l 

ट्रंप क्यों चाहते हैं पनामा नहर पर अपना नियंत्रण:

यह महत्वपूर्ण जलमार्ग समुद्री जहाजों  की कई हजार किलोमीटर और कई हफ्तों की यात्रा को बचाता है l उदाहरण के लिए जो जहाज लॉस एंजिल्स से न्यूयॉर्क को जाते हैं उनके करीब 8000 मील और लगभग  22 दिन का लंबा सफर बच जाता है l अन्यथा, यह सफर तय करने में उन्हें दक्षिण अमेरिका में स्थित स्टेट ऑफ मैगलन (State of Meglan) का चक्कर लगाना पड़े l  इस नहर को सुचारु रूप से संचालित  करने  के लिए कई सारे लॉक्स का प्रयोग  किया गया है जो समुद्री जहाज को करीब-करीब 85 फीट समुद्री सतह से ऊपर उठा देते हैं जो जलपोत  इस रास्ते से गुजरते  है उन्हें  यहां से गुजरने के लिए 53 मिलियन गैलन फ्रेशवाटर की जरूरत पड़ती है l  इसका  संचालन करना बहुत ही खर्चीला काम है, लेकिन यह पनामा के लिए महत्वपूर्ण आय  का स्रोत  है l 

पनामा नहर क्यों रखा गया इस नहर का नाम –इस नहर का नाम पनामा इसलिए पड़ा क्योंकि यह पनामा देश में ही स्थित है l 

पनामा नहर का इतिहास – पनामा इस्थमस  को काटकर पनामा नहर का निर्माण करने की संरचना का विचार सबसे पहले साल  1530 साल में  स्पेनिश कॉलोनाइजर्स के दिमाग में आया l 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इसकी शुरुआत हुई l 1878 में कोलंबिया जो पनामा को नियंत्रित  करता था, ने फ्रेंच इंजीनियर के साथ इस नहर को बनाने के लिए एक समझौता किया l यह फ्रांसीसी  प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पाया और 1899 में इसे बंद कर दिया गया l तकरीबन  2200 मजदूरों की मौत कई तरह के डिजीज और दुर्घटनाओं की वजह से हुई और इनको अपनी जान से हाथ धोना पड़ा l 

1903 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने कोलंबिया के  इस नहर को दोबारा निर्मित करने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया l  संयुक्त राज्य अमेरिका ने Panama’s Declaration of Independence का समर्थन किया l इसके 3 दिन बाद पनामा की नवनियुक्त एम्बेसडर ने  अमेरिका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस नहर को बनाने पर अपनी सहमति व्यक्त की l इस समझौते को पनामा वासियों ने अपनी संप्रभुता के साथ किया गया एक समझौता  समझा l 

संयुक्त राज्य अमेरिका के  इंजीनियरों ने पनामा नहर निर्माण  का कार्य  शुरू किया और 1914 में  निर्माण संपूर्ण हुआ,  तथा 15 अगस्त 1914 को यह जलपोतों के आवागमन के लिए खोल दी गयी l  करीब -करीब 5000 मजदूर इस नहर के निर्माण के दौरान मारे गए l यह नहर बहुत ही जल्द एक स्ट्रैटेजिक मिलट्री एंड ट्रेड एसेट के रूप में विख्यात हुई l दूसरे विश्व युद्ध  के दौरान प्रशांत  और अटलांटिक महासागर के बीच आवागमन के लिए इसका बहुत उपयोग किया गया l 

पनामा नहर का हस्तांतरण – 20वीं शताब्दी के दौरान खासकर Suez Canal Crisis 1956 के बाद पनामा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच में इस नहर को लेकर काफी मतभेद रहे l धीरे-धीरे संयुक्त राज्य अमेरिका का नियंत्रण इस नहर पर  अपवाद बन गया क्योंकि पनामा के लोग इसे अपनी संप्रभुता में हस्तछेप से जोड़कर देखने लगे l  

1977 में अमेरिका और पनामा  के बीच में Torrijos-Carter Treaty साइन की गई l इस समझौते के बाद पनामा को इस नहर  पर पूरा नियंत्रण मिल गया, लेकिन साथ में यह भी कहा गया कि वह इसे एक स्वायत्त क्षेत्र के रूप में रखें और इसकी रक्षा का अधिकार संयुक्त राज्य को दिया गया l 31 दिसंबर 1999 को पनामा नहर पर पनामा का सम्पूर्ण  नियंत्रण स्थापित हो गया l अभी पनामा नहर का संचालन और प्रबंधन Panama Canal Authority के पास  है l 

भौगोलिक महत्त्व और वैश्विक कनेक्टिविटी: पनामा नहर अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है, जो वैश्विक व्यापार में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में सहायक है। यह समुद्री यात्रा की दूरी को नाटकीय रूप से कम करता है, जिससे लॉजिस्टिक्स अधिक दक्ष और लागत प्रभावी बनती है। वर्तमान में, नहर से प्रतिदिन लगभग 40 जहाज गुजरते हैं।

  1. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक प्रवाह: यह जलमार्ग प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण संचार माध्यम है, जो विश्व व्यापार की गति को बढ़ाता है। वैश्विक व्यापारिक मार्गों में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे माल की निर्बाध आवाजाही संभव होती है। यह नहर सालाना 14,000 से अधिक जहाजों को पारगमन की सुविधा देती है, जो वैश्विक समुद्री व्यापार के लगभग 5% का प्रतिनिधित्व करता है।
  2. पनामा की आर्थिक समृद्धि में योगदान: यह नहर पनामा के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में महत्वपूर्ण योगदान देती है। टोल शुल्क और व्यापारिक गतिविधियों के माध्यम से यह देश के राजस्व स्रोतों में से एक प्रमुख कारक है, जिससे इसकी आर्थिक स्थिरता और विकास सुनिश्चित होता है। 2021 में, पनामा नहर ने लगभग 2.5 बिलियन डॉलर की राजस्व आय अर्जित की।
  3. लॉजिस्टिक लागत और व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता: पनामा नहर के माध्यम से परिवहन लागत में उल्लेखनीय कमी आती है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अधिक प्रतिस्पर्धी बनता है। कम लागत पर त्वरित परिवहन से आयात और निर्यात प्रक्रियाएं अधिक कुशल हो जाती हैं, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को लाभ मिलता है। यह नहर अमेरिकी पूर्वी तट से एशिया तक माल की शिपिंग लागत को लगभग 30% तक कम करने में सहायक है।
  4. पर्यावरणीय और ऊर्जा-कुशल विकल्प: इस जलमार्ग का उपयोग जहाजों के लिए न केवल समय और लागत बचाने में सहायक है, बल्कि यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को भी कम करता है। वैकल्पिक लंबी समुद्री यात्राओं की तुलना में, पनामा नहर कार्बन पदचिह्न को घटाकर अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल समुद्री व्यापार को बढ़ावा देती है। 2016 के विस्तार के बाद, नए नेओ-पनामैक्स जहाजों ने प्रति ट्रांजिट लगभग 1600 टन CO2 उत्सर्जन में कटौती करने में मदद की है।

क्या ट्रंप पनामा नहर का नियंत्रण वापस पा सकते हैं– अमेरिका यदि इस नहर का नियंत्रण वापस पाना चाहता है तो उसे पनामा देश की सहमति लेनी होगी और अंतरराष्ट्रीय कानूनों और अन्य देशों का समर्थन पाना होगा l राजनितिक और कानूनी दृष्टि से देखें तो अमेरिका के लिए पनामा नहर का नियंत्रण  वापस लेना इतना आसान नहीं है l पनामा अमेरिका द्वारा इस नहर को वापस लेने के फैसले का पुरजोर तरीके से विरोध कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठा रहा है l

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